कान्हा मेरी सांसो पे,
नाम अपना लिखा लेना,
फिर जो जनम लूँ मैं,
मोहे अपना बना लेना,
कान्हा मेरी साँसों पे,
नाम अपना लिखा लेना।।
तर्ज – बाबुल का ये घर।
मेरी यही अर्जी है,
आगे तेरी मर्जी है,
रंगे जिस रंग राधा,
उस रंग में रंगा लेना,
फिर जो जनम लूँ मैं,
मोहे अपना बना लेना,
कान्हा मेरी साँसों पे,
नाम अपना लिखा लेना।।
मैंने तोहे पलको के,
पलने झुलाया है,
सांवरे मोहे अपने,
हाथो में झुला लेना,
फिर जो जनम लूँ मैं,
मोहे अपना बना लेना,
कान्हा मेरी साँसों पे,
नाम अपना लिखा लेना।।
देखि तस्वीर तेरी,
कान्हा मेरी अंखियो में,
मुझे तेरी सखियों के,
तानो से बचा लेना,
फिर जो जनम लूँ मैं,
मोहे मुरली बना लेना,
कान्हा मेरी साँसों पे,
नाम अपना लिखा लेना।।
जन्मों की ये तृष्णा,
ऐसे न मिटेगी कृष्णा,
प्रेम से निहार के मोहे,
अधरों से लगा लेना,
फिर जो जनम लूँ मैं,
मोहे अपना बना लेना,
कान्हा मेरी साँसों पे,
नाम अपना लिखा लेना।।
मोहे मोह माया की,
धुप ना छू पाए,
प्यारे पीताम्बरी की,
छइयाँ में छुपा लेना,
फिर जो जनम लूँ मैं,
मोहे अपना बना लेना,
कान्हा मेरी साँसों पे,
नाम अपना लिखा लेना।।
मन मेरे मोहन,
तुझमे रमाया है,
तेरे संग प्रीत लगी,
अब दुनिया से क्या लेना,
फिर जो जनम लूँ मैं,
मोहे अपना बना लेना,
कान्हा मेरी साँसों पे,
नाम अपना लिखा लेना।।
कान्हा मेरी सांसो पे,
नाम अपना लिखा लेना,
फिर जो जनम लूँ मैं,
मोहे अपना बना लेना,
कान्हा मेरी साँसों पे,
नाम अपना लिखा लेना।।