श्री भागवत भगवान की है आरती हिंदी लिरिक्स | shri bhagwat bhagwan ki hai aarti lyrics in hindi

shri bhagwat bhagwan ki hai aarti lyrics in hindi

श्री भागवत भगवान की है आरती,पापियो को पाप से है तारती।। ये भी देखे – श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं। ये अमर ग्रंथ ये मुक्ति पन्थ,ये पंचम वेद निराला,नव ज्योति जगाने वाला,हरी नाम यही, हरी धाम यही,यही जग मंगल की आरती,पापियो को पाप से है तारती,श्री भागवत भगवान की हैं आरती,पापियो को पाप से … Read more

भए प्रगट कृपाला दीनदयाला कौशल्या हितकारी हिंदी लिरिक्स | bhaye pragat kripala deen dayala lyrics in hindi

bhaye pragat kripala deen dayala lyrics in hindi

भए प्रगट कृपाला दीनदयाला, कौशल्या हितकारी, हरषित महतारी मुनि मन हारी, अद्भुत रूप बिचारी।। ये भी देखें – अवध में राम आए है। लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा, निज आयुध भुजचारी, भूषन बनमाला नयन बिसाला, शोभा सिंधु खरारी।। कर दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी, केहि बिधि करूं अनंता, माया गुन ग्यानातीत अमाना, वेद पुरान भनंता।। करुणा … Read more

जगजननी जय जय माँ जगजननी जय आरती लिरिक्स | jag janani jai jai aarti lyrics

jag janani jai jai aarti lyrics

जगजननी जय जय, माँ जग-जननी जय जय, भयहारिणि भवतारिणि, भवभामिनि जय जय, ॐ जगजननी जय जय।। तू ही सत चित सुखमय, शुद्ध ब्रह्मरूपा, सत्य सनातन सुंदर, परशिव सुर भूपा, ॐ जग-जननी जय जय।। आदि अनादि अनामय, अविचल अविनाशी, अमल अनंत अगोचर, अज आनंदराशी, ॐ जग-जननी जय जय।। अविकारी अघहारी, अकल कलाधारी, कर्ता विधि भर्ता हरि, … Read more

मन में बसाकर तेरी मूर्ति उतारू में गिरधर तेरी आरती लिरिक्स | man me basakar teri murti hindi lyrics

man me basakar teri murti hindi lyrics

मन में बसाकर तेरी मूर्ति, उतारू मैं गिरधर तेरी आरती।। करुणा करो कष्ट हरो ज्ञान दो भगवन, भव में फसी नाव मेरी तार दो भगवन, करुणा करो कष्ट हरो ज्ञान दो भगवन, भव में फसी नाव मेरी तार दो भगवन, दर्द की दवा तुम्हरे पास है, जिंदगी दया की है भीख मांगती, मन मे बसाकर … Read more

दिव्य दंपति की आरती उतारो हे अली | divya dampati ki aarti lyrics

दिव्य दंपति की आरती, उतारो हे अली, राजे नंद जू के लाल, वृषभान की लली, दिव्य दंपत्ति की आरती, उतारो हे अली।। पद नख मणि चंद्रिका की, उज्जवल प्रभा, नील पीत कटी पट रहे, मन को लुभा, कटि कौंधनी की शोभा, अति लगती भली, दिव्य दंपत्ति की आरती, उतारो हे अली।। नाभि रुचिर गंभीर, मानो … Read more

पावन बना दो हे देव सविता गायत्री स्तवन लिरिक्स | pavan bana do hey dev savita lyrics

शुभ ज्योति के पुंज अनादि अनुपम, ब्रह्माण्ड व्यापी आलोक कर्ता, दारिद्र दु:ख भय से मुक्त कर दो, पावन बना दो हे देव सविता, पावन बना दो हे देव सविता।। ऋषि देवताओं से नित्य पूजित, हे भर्ग! भवबन्धन-मुक्ति कर्ता, स्वीकार कर लो वंदन हमारा, पावन बना दो हे देव सविता।। हे ज्ञान के घन त्रैलोक्य पूजित, … Read more

मो सम दीन न दीन हित तुम समान रघुवीर लिरिक्स | mo sam deen na deen hit tum saman raghuveer lyrics

मो सम दीन न दीन हित, मो सम दीन न दीन हित, तुम समान रघुवीर। अस विचार रघुवंश मणि, हरहू विसम् भव पीर।। देखे – रामायण समापन वंदना। कामिहि नारि पिआरि जिमि, लोभिहि प्रिय जिमि दाम। तिमि रघुनाथ निरंतर, प्रिय लागहु मोहि राम।। प्रनत पाल रघुवंश मणि, करुणा सिंधु खरार। गये शरण प्रभु राखी हों, … Read more

पुष्पांजलि गीत संपूर्ण मंत्र पुष्पांजलि | sampurna mantra pushpanjali

पुष्पांजलि गीत संपूर्ण मंत्र पुष्पांजलि, कर्पूर गौरम करूणावतारं, संसार सायं भुजगेन्द्र हारम्। सदा बसन्तं हृदयारविन्दे, भवं भवानी सहितं नमामि।। सानन्द मानन्द वने वसनतं, आनन्द कन्दं हृत पाप वृनदं। काशीनाथमनाथ नाथन, श्रीविश्वनाथं शरणं प्रपद्ये।। व्रजे वसनतं नवनीतचौरं, गोपांगनानां च दुकूलचौरं। अनेक जन्मार्जित पाप चौरं, चौराग्रगण्यं शरणं प्रपद्ये।। नीलांबुजश्यामल कोमलांगं, सीतासमारोपितवामभागम। पाणौमहाशायकुचारचापं, नमामि रामं रघुवंशनाथं।। मनोजवं मारुततुल्यवेगमं, … Read more

श्री केशव चालीसा हिंदी लिरिक्स | shree keshav chalisa lyrics

श्री केशव चालीसा, दोहा – पात पात में केशव जी, हर पल केशव दास, शिला रूप जगन्नाथ जी, दो श्री चरणों में वास।। जय केशव जय केशव दासा, होत प्रात: करे जग अरदासा।। द्वापर में हरि नर तन धारा, कान्हा बन के कंस संहारा।। ग्वाल बाल नन्दलाल समेता, धेनु चरा धन्य भयइ देवता।। ये भी … Read more

भागवत गीतम ध्येयं सदा परिभवघ्नभीष्टदोहं | bhagawat geetam dhyeyam sada paribhava lyrics

भागवत गीतम, ध्येयं सदा परिभवघ्नभीष्टदोहं, तीर्थास्पदं शिव विरंचिनुतं शरण्यं। भृत्यार्तिहं प्रणतपाल भवाब्धिपोतं, वन्दे महापुरुष थे चरणार्विंदम।। यूं प्रवजन्तमनुपेतमपेत कृत्यं, द्वैपायनो विरहकातर आजुहाव। पुत्रेति तनमयतया तरवोभिनेदुस्, तं सर्वभूत हृदयं मुनिमानतोऽस्मि।। वर्हापीडं नटवरवपुः कर्णयोःकर्णिकारं विभ्रदवास: कनक कपिशं वैजयंतीं च मालाम्। रंध्रांन वेणोर सुधया पूरयन गोपवृन्दैः वृंदारण्यं स्वपद रमणं प्राविशद् गीतिकीर्त:।। वंशी विभूषित कराल नवनीरदाभात्, पीतांबरा तरूण फलाधृष्ठाम्। … Read more