Join us for Latest Bhajan Lyrics
Join Now
ये झगड़ा है मोहन,
हमारा तुम्हारा,
की अब क्या हुआ बल,
वो सारा तुम्हारा।।
देखे – दशा मुझ दीन की।
जो निज कर्म से होते,
तरने के काबिल,
तो फिर ढूँढते क्यों,
सहारा तुम्हारा।
ये झगडा हैं मोहन,
हमारा तुम्हारा,
की अब क्या हुआ बल,
वो सारा तुम्हारा।।
ना तारो तो ऐसा,
अधम ही बना दो,
की अवतार फिर हो,
दोबारा तुम्हारा,
ये झगडा हैं मोहन,
हमारा तुम्हारा,
की अब क्या हुआ बल,
वो सारा तुम्हारा।।
गरीबों की आँखों में,
जिस दिन से आया,
उसी दिन से है ‘बिन्दु’,
प्यासा तुम्हारा,
ये झगडा हैं मोहन,
हमारा तुम्हारा,
की अब क्या हुआ बल,
वो सारा तुम्हारा।।
ये झगड़ा है मोहन,
हमारा तुम्हारा,
की अब क्या हुआ बल,
वो सारा तुम्हारा।।