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शिव भोले तुम्हारा ही,
बजरंग अवतारी है,
तुम दोनों में अंतर,
तुम दोनों में अंतर,
क्यों इतना भारी है।।
तुम ब्याह किये भोला,
संग पार्वती जी के,
माँ अंजनी का लाला,
पूरा ब्रह्मचारी है,
तुम दोनों में अंतर,
क्यों इतना भारी है।।
तुम भूतों के राजा,
संग भूत प्रेत रहते,
शैतानो का दुश्मन,
बाबा बलकारी है,
तुम दोनों में अंतर,
तुम दोनों में अंतर,
क्यों इतना भारी है।।
तुम भस्म रमाते हो,
शमशान की राखों से,
इसने सिंदूर मला,
ये लीला न्यारी है,
तुम दोनों में अंतर,
तुम दोनों में अंतर,
क्यों इतना भारी है।।
तुम सृष्टि के स्वामी,
त्रिलोक तेरा भोला,
‘कुंदन’ ये बन के सेवक,
करे सेवादारी है,
तुम दोनों में अंतर,
तुम दोनों में अंतर,
क्यों इतना भारी है।।
शिव भोले तुम्हारा ही,
बजरंग अवतारी है,
तुम दोनों में अंतर,
तुम दोनों में अंतर,
क्यों इतना भारी है।।