मैं भूल गया रे भजन तेरा करना बाबा,
दोहा - आग लगी आकाश में,
तो झर झर गिरे अंगार,
संत न होते जगत में,
तो जल मरता संसार।
चलती चक्की देखकर,
दिया कबीरा रोय,
दो पाटन के बीच में,
साबुत बचा न कोय।
मैं भूल गया रे भजन तेरा करना बाबा,
भूल गया रे,
मैं भुल गया रे भजन तेरा करना बाबा,
भूल गया रे,
मैं भूल गया रे
तेरे दर से डरना बाबा भूल गया।।
करना कुकर्मों का,
बिल्कुल ना भूला मैं,
करना कुकर्मों का,
बिल्कुल ना भूला मैं,
झूठ ना भूला मैं तो,
कपट ना भूला मैं,
झूठ ना भूला मैं तो,
कपट ना भूला मैं,
मैं भूल गया रे तेरा नाम सुमिरना बाबा,
भूल गया मैं,
भुल गया रे भजन तेरा करना बाबा,
मैं भूल गया रे
तेरे दर से डरना बाबा भूल गया।।
आना ना भूला मैं तो,
जाना ना भूला मैं,
आना ना भूला मैं तो,
जाना ना भूला मैं,
खाना ना बोला मैं तो,
पीना ना भूला मैं,
खाना ना बोला मैं तो,
पीना ना भूला मैं,
मैं भूल गया रे तेरा नाम सुमिरना बाबा,
भूल गया मैं,
भुल गया रे भजन तेरा करना बाबा,
मैं भूल गया रे
तेरे दर से डरना बाबा भूल गया।।
मैं भुल गया रे भजन तेरा करना बाबा,
भूल गया रे,
मैं भुल गया रे भजन तेरा करना बाबा,
भूल गया रे,
मैं भूल गया रे
तेरे दर से डरना बाबा भूल गया।।