कितना रोई पार्वती शिवनाथ के लिए भजन लिरिक्स | kitna roi parvati shivnath ke liye lyrics

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कितना रोई पार्वती,
शिवनाथ के लिए,
मैं तो प्राण भी तज दूंगी,
भोलेनाथ के लिए,
सबने कितना समझाया,
पर ना मानी महामाया।।

तर्ज – जितना राधा रोई कान्हा।

जबसे हाँ जनम लिया था,
शिव को था अपना माना,
शिव का ही वरण करूँगी,
मन में था ये ही ठाना,
मैं कुछ भी कर दूंगी,
शिव के साथ के लिए,
मैं कुछ भी कर दूंगी,
शिव के साथ के लिए,
मैं तो प्राण भी तज दूंगी,
भोलेनाथ के लिए,
सबने कितना समझाया,
पर ना मानी महामाया।।

वो औघड़ है वो योगी,
हिमाचल ने समझाया,
बड़ा तू दुख सहेगी,
मैना माँ ने बतलाया,
एक ना मानी फिर भी,
शिव के हाथ के लिए,
एक ना मानी फिर भी,
शिव के हाथ के लिए,
मैं तो प्राण भी तज दूंगी,
भोलेनाथ के लिए,
सबने कितना समझाया,
पर ना मानी महामाया।।

सप्त ऋषियो ने आकर,
भी गौरा को समझाया,
पिए वो भंग धतूरा,
नाग को गले बिठाया,
और भी जागी श्रद्धा,
कृपा नाथ के लिए,
और भी जागी श्रद्धा,
कृपा नाथ के लिए,
मैं तो प्राण भी तज दूंगी,
भोलेनाथ के लिए,
सबने कितना समझाया,
पर ना मानी महामाया।।

कितना रोई पार्वती,
शिवनाथ के लिए,
मैं तो प्राण भी तज दूंगी,
भोलेनाथ के लिए,
सबने कितना समझाया,
पर ना मानी महामाया।।

स्वर – राकेश काला।

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