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खुश रह लेंगे कोठी और कार के बिना,
जी ना पाएंगे रंगीली सरकार के बिना,
जी ना पाएंगे रँगीली सरकार के बिना।।
सोना मिले ना चाहे चांदी मिले ना,
सेवा को चाहे नौकर बांदी मिले ना,
रह ना पाएंगे राधा तेरे प्यार के बिना,
जी ना पाएंगे रँगीली सरकार के बिना।।
ऐसे बंधे हैं जैसे पतंग से डोरी,
हर सांस कहती किशोरी किशोरी,
जैसे नाव नहीं चले पतवार के बिना,
जी ना पाएंगे रँगीली सरकार के बिना।।
ये तन है प्यारे दो आने की माटी,
माथे लगा लो बरसाने की माटी,
अजनबी क्या है राधा उस द्वार के बिना,
जी ना पाएंगे रँगीली सरकार के बिना।।
खुश रह लेंगे कोठी और कार के बिना,
जी ना पाएंगे रंगीली सरकार के बिना,
जी ना पाएंगे रँगीली सरकार के बिना।।
स्वर – सोना जाधव।