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फागुन का महीना,
चलो मालपुरा दरबार,
दादा गुरु संग होली,
हम खेलेंगे इस बार।।
तर्ज – सावन का महीना।
रंग रंगीला फागुन ये आया,
दादा गुरु ने मालपुरा बुलाया,
दूर दूर से आते है लाखो ही नर नार,
दादा गुरु संग होली,
हम खेलेंगे इस बार।।
दादा गुरु की दुनिया दीवानी है,
कुशल गुरु से मेरी प्रीत पुरानी है,
सोनू मालपुरा में आता रहूँ हरबार,
दादा गुरु संग होली,
हम खेलेंगे इस बार।।
अमावास को स्वर्ग सिधारे,
पूनम को दादा गुरुवर दर्श दिखाये,
उदयराज की अर्जी करली तुमने स्वीकार,
दादा गुरु संग होली,
हम खेलेंगे इस बार।।
फागुन का महीना,
चलो मालपुरा दरबार,
दादा गुरु संग होली,
हम खेलेंगे इस बार।।
Singer – Bhikham Jain
9438399999