आरती करो बृजनारी ले कंचन थारी लिरिक्स | aarti karo brijnaari le kanchan thari lyrics
आरती करो बृजनारी,ले कंचन थारी,आरती करो बृज नारी।। भावना भक्ति की ज्योति,अनमोल प्रेम के मोती,रसबुंदन सो भरी झारी,अति सुकुमारी,आरती करो बृज नारी।। घनश्याम नंद के लाला,पहिरे पट पीत रसाला,संग सोहे वृषभानु दुलारी,श्री राधिका प्यारी,आरती करो बृज नारी।। कुंडल छवि मोर मुकुट की,चंचल चितवन नटखट की,चंद्रिका चमक रही न्यारी,नीलांबर सारी,आरती करो बृज नारी।। सिंहासन दोऊ बिराजे,लखी … Read more