आरती करो बृजनारी ले कंचन थारी लिरिक्स | aarti karo brijnaari le kanchan thari lyrics

Join us for Latest Bhajan Lyrics Join Now

आरती करो बृजनारी,
ले कंचन थारी,
आरती करो बृज नारी।।

भावना भक्ति की ज्योति,
अनमोल प्रेम के मोती,
रसबुंदन सो भरी झारी,
अति सुकुमारी,
आरती करो बृज नारी।।

घनश्याम नंद के लाला,
पहिरे पट पीत रसाला,
संग सोहे वृषभानु दुलारी,
श्री राधिका प्यारी,
आरती करो बृज नारी।।

कुंडल छवि मोर मुकुट की,
चंचल चितवन नटखट की,
चंद्रिका चमक रही न्यारी,
नीलांबर सारी,
आरती करो बृज नारी।।

सिंहासन दोऊ बिराजे,
लखी कोटी काम छबी लाजे,
ललितादीक् अखियां प्यारी,
निरख बनवारी,
आरती करो बृज नारी।।

चीर जीवे अविचल जोड़ी,
मोहन वृषभान किशोरी,
बृज जीवन कुंजबिहारी,
पे जाऊं मैं वारी,
आरती करो बृज नारी।।

आरती करो बृजनारी,
ले कंचन थारी,
आरती करो बृज नारी।।

गायक – उमेश सांवरा।

Leave a Comment