ॐ जय तुलसी माता आरती हिंदी लिरिक्स | om jai tulsi mata aarti lyrics

ॐ जय तुलसी माता,मैया जय तुलसी माता,सब जग की सुख दाता,तुम ही वर दाता,ओम जय तुलसी माता।। सब योगों के ऊपर,सब रोगों के ऊपर,रुज से रक्षा करती,तुम ही भव त्राता,ओम जय तुलसी माता।। बटु पुत्री हे श्यामा,सुर बल्ली हे ग्राम्या,विष्णु प्रिये जो सेवे,सो नर तर जाता,ओम जय तुलसी माता।। हरि के शीश विराजत,त्रिभुवन हो वन्दित,पतित … Read more

ओम जय धन्वंतरि देवा आरती लिरिक्स | om jai dhanvantari deva aarti lyrics

ओम जय धन्वंतरि देवा,स्वामी जय धन्वंतरि देवा,जरा रोग से पीड़ित,जन जन सुख देवा,ॐ जय धन्वंतरि देवा।। तुम समुद्र से निकले,अमृत कलश लिए,देवासुर के संकट,आकर दूर किए।ॐ जय धन्वंतरि देवा।। आयुर्वेद बनाया,जग में फैलाया,सदा स्वस्थ रहने का,साधन बतलाया।ॐ जय धन्वंतरि देवा।। भुजा चार अति सुंदर,शंख सुधा धारी,आयुर्वेद वनस्पति,से शोभा भारी।ॐ जय धन्वंतरि देवा।। तुम को जो … Read more

ओम जय जय जय गिरिराज आरती लिरिक्स | om jai jai jai giriraj aarti lyrics

ओम जय जय जय गिरिराज,स्वामी जय जय गिरिराज,संकट में तुम राखो,संकट में तुम राखो,निज भक्तन की लाज,ॐ जय जय जय गिरिराज।। इंद्रादिक सब सुर मिल,तुम्हरो ध्यान धरे,ऋषि मुनि जन यश गावे,ते भवसिंधु तरे,ॐ जय जय जय गिरिराज।। सुन्दर रूप तुम्हारो,श्याम शिला सोहे,वन उपवन लखि लखिके,भक्तन मन मोहे,ॐ जय जय जय गिरिराज।। मध्य मानसी गंगा,कलि के … Read more

आरती सुन्दरकाण्ड की कीजे आरती लिरिक्स | aarti sunderkand ki kije lyrics

आरती सुन्दरकाण्ड की कीजे,श्री पंचम सौपान की कीजे,आरती सुंदरकाण्ड की कीजे।। सरल श्लोक दोहा चौपाई,गावत सुनत लगत सुखदाई,निश्चय अरु विश्वास से कीजे,आरती सुंदरकाण्ड की कीजे।। सुरसा सिंगीका लंकिनी तारी,मिलत सिया सो लंका जारी,श्री मानस के सार की कीजे,आरती सुंदरकाण्ड की कीजे।। चूड़ामणि ले पार ही आए,सीता के सुधि प्रभु ही सुनाए,ऐसे विद्यावान की कीजे,आरती सुंदरकाण्ड … Read more

ॐ जय शिव जय महाकाल आरती लिरिक्स | om jai shiv jai mahakal aarti lyrics

ॐ जय शिव जय महाकाल,स्वामी जय शम्भू महाकाल,ज्योतिर्लिंग स्वरूपा,ज्योतिर्लिंग स्वरूपा,तुम कालो के काल,ओम जय शिव जय महाकाल।। तर्ज – ॐ जय शिव ओमकारा। बारह ज्योतिर्लिंग में,महिमा बड़ो है नाम,क्षिप्रा तट उज्जैन में,महाकाल को धाम,ओम जय शिव जय महाकाल।। तुम भीमेश्वर देवा,तुम काशी विश्वनाथ,गोमती तट त्रयंभकेश्वर,दारूकवन नागनाथ,ओम जय शिव जय महाकाल।। हाथ जोड़ तेरे द्वारे,काल खड़ा … Read more

आरती उतार लो सीता रघुवर जी की लिरिक्स | aarti utar lo sita raghuvar ji ki lyrics

आरती उतार लो, सीता रघुवर जी की, लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न के संग, पवन तनय जी की, आरती उतार लों, सीता रघुवर जी की।। राज सिंहासन पर बैठे है, साथ में सीता मैया, हनुमान सेवा में विराजे, संग है सारे भैया, देख छवि मन मोहित होता, लीलाधर जी की आरती उतार लों, सीता रघुवर जी की।। … Read more

ब्रह्ममुरारि सुरार्चित लिंगं लिंगाष्टकम स्त्रोतम लिरिक्स | shiv lingashtakam stotram lyrics

ब्रह्ममुरारि सुरार्चित लिंगं, ब्रह्ममुरारि सुरार्चित लिंगं,निर्मलभासित शोभित लिंगम्,जन्मज दुःख विनाशक लिंगं,तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम्।।१।। देवमुनि प्रवरार्चित लिंगं,कामदहन करुणाकर लिंगम्,रावण दर्प विनाशन लिंगं,तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम्।।२।। सर्व सुगंध सुलेपित लिंगं,बुद्धि विवर्धन कारण लिंगम्,सिद्ध सुरासुर वंदित लिंगं,तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम्।।३।। कनक महामणि भूषित लिंगं,फणिपति वेष्टित शोभित लिंगम्,दक्षसुयज्ञ विनाशन लिंगं,तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम्।।४।। कुंकुम चंदन लेपित लिंगं,पंकज हार सुशोभित लिंगम्,संचित पाप विनाशन … Read more

ॐ जय गंगे माता श्री जय गंगे माता आरती लिरिक्स | om jai gange mata aarti lyrics

ॐ जय गंगे माता,श्री जय गंगे माता,जो नर तुमको ध्याता,मन वांछित फल पाता,ॐ जय गँगे माता।। चन्द्र सी ज्योत तुम्हारी,जल निर्मल आता,शरण पड़े जो तेरी,सो नर तर जाता,ॐ जय गँगे माता।। पुत्र सगर के तारे,सब जग को ज्ञाता,किरपा दृष्टि तुम्हारी,त्रिभुवन सुखदाता,ॐ जय गँगे माता।। एक ही बार जो तेरी,शरणागति आता,यम की त्रास मिटाकर,परम गति पाता,ॐ … Read more

आरती युगलकिशोर की कीजे तन मन भी न्योछावर कीजे | aarti yugal kishore ki kije tan man bhi nyochavar kije lyrics

आरती युगलकिशोर की कीजे,तन मन भी न्योछावर कीजे।। गौरश्याम मुख निरखन लीजे,हरि का रूप नयन भरि पीजे,तन मन भी न्योछावर कीजे।। रवि शशि कोटि बदन की शोभा,ताहि निरख मेरो मन लोभा,तन मन भी न्योछावर कीजे।। ओढ़े नील पीत पट सारी,कुंज बिहारी गिरिवर धारी,तन मन भी न्योछावर कीजे।। फूलन सेज फूलन की माला,रत्न सिंहासन बैठे नंदलाला,तन … Read more

शीश गंग अर्धंग पार्वती सदा विराजत कैलासी स्तुति लिरिक्स | sheesh gang ardhang parvati lyrics in hindi

शीश गंग अर्धंग पार्वती,सदा विराजत कैलासी,नंदी भृंगी नृत्य करत है,धरत ध्यान सुर सुखरासी।। शीतल मन्द सुगन्ध पवन,बह बैठे हैं शिव अविनाशी,करत गान-गन्धर्व सप्त स्वर,राग रागिनी मधुरासी।। यक्ष-रक्ष-भैरव जहँ डोलत,बोलत हैं वनके वासी,कोयल शब्द सुनावत सुन्दर,भ्रमर करत हैं गुंजा-सी।। कल्पद्रुम अरु पारिजात तरु,लाग रहे हैं लक्षासी,कामधेनु कोटिन जहँ डोलत,करत दुग्ध की वर्षा-सी।। सूर्यकान्त सम पर्वत शोभित,चन्द्रकान्त … Read more