श्री कुशेश्वर स्त्रोत्र | shri kusheshwar strot
श्री कुशेश्वर स्त्रोत्र, सदा वसन्तं गिरिजा-समेतम्,गणनाथ नाथं,प्रभु विश्वनाथम्,करुणा स्वरुपं,प्रभु सौम्य रूपम् गिरिजा कुशेश्वर,प्रणमामि नित्यम्।। कृपा कान्त करुणा स्वरुपं दयालु,देवाधिदेवं प्रभुप्राणनाथम्, अनाथस्य नाथं जगद्बन्धु देव,गिरिजा कुशेश्वर प्रणमामि नित्यम्।। प्राच्यां सदा कौशिकी श्री स्वरुपम् प्रतीच्यां च कमला सती संग दिव्यम्,मध्येविभासित प्रभु सौख्यरुपम् गिरिजा कुशेश्वर प्रणमामि नित्यम्।। गले नागराजं सदा दिव्यभालम् शशि शेखर शूल हस्तेकपालम्,स्मितब्याघ्र चर्माम्बरंदिव्यमालाम् गिरिजा कुशेश्वर … Read more