शीश गंग अर्धंग पार्वती सदा विराजत कैलासी स्तुति लिरिक्स | sheesh gang ardhang parvati lyrics in hindi
शीश गंग अर्धंग पार्वती,सदा विराजत कैलासी,नंदी भृंगी नृत्य करत है,धरत ध्यान सुर सुखरासी।। शीतल मन्द सुगन्ध पवन,बह बैठे हैं शिव अविनाशी,करत गान-गन्धर्व सप्त स्वर,राग रागिनी मधुरासी।। यक्ष-रक्ष-भैरव जहँ डोलत,बोलत हैं वनके वासी,कोयल शब्द सुनावत सुन्दर,भ्रमर करत हैं गुंजा-सी।। कल्पद्रुम अरु पारिजात तरु,लाग रहे हैं लक्षासी,कामधेनु कोटिन जहँ डोलत,करत दुग्ध की वर्षा-सी।। सूर्यकान्त सम पर्वत शोभित,चन्द्रकान्त … Read more