शीश गंग अर्धंग पार्वती सदा विराजत कैलासी स्तुति लिरिक्स | sheesh gang ardhang parvati lyrics in hindi

शीश गंग अर्धंग पार्वती,सदा विराजत कैलासी,नंदी भृंगी नृत्य करत है,धरत ध्यान सुर सुखरासी।। शीतल मन्द सुगन्ध पवन,बह बैठे हैं शिव अविनाशी,करत गान-गन्धर्व सप्त स्वर,राग रागिनी मधुरासी।। यक्ष-रक्ष-भैरव जहँ डोलत,बोलत हैं वनके वासी,कोयल शब्द सुनावत सुन्दर,भ्रमर करत हैं गुंजा-सी।। कल्पद्रुम अरु पारिजात तरु,लाग रहे हैं लक्षासी,कामधेनु कोटिन जहँ डोलत,करत दुग्ध की वर्षा-सी।। सूर्यकान्त सम पर्वत शोभित,चन्द्रकान्त … Read more

आरती करो बृजनारी ले कंचन थारी लिरिक्स | aarti karo brijnaari le kanchan thari lyrics

आरती करो बृजनारी,ले कंचन थारी,आरती करो बृज नारी।। भावना भक्ति की ज्योति,अनमोल प्रेम के मोती,रसबुंदन सो भरी झारी,अति सुकुमारी,आरती करो बृज नारी।। घनश्याम नंद के लाला,पहिरे पट पीत रसाला,संग सोहे वृषभानु दुलारी,श्री राधिका प्यारी,आरती करो बृज नारी।। कुंडल छवि मोर मुकुट की,चंचल चितवन नटखट की,चंद्रिका चमक रही न्यारी,नीलांबर सारी,आरती करो बृज नारी।। सिंहासन दोऊ बिराजे,लखी … Read more

आरती युगलकिशोर की कीजे तन मन भी न्योछावर कीजे | aarti yugal kishore ki kije tan man bhi nyochavar kije lyrics

आरती युगलकिशोर की कीजे,तन मन भी न्योछावर कीजे।। गौरश्याम मुख निरखन लीजे,हरि का रूप नयन भरि पीजे,तन मन भी न्योछावर कीजे।। रवि शशि कोटि बदन की शोभा,ताहि निरख मेरो मन लोभा,तन मन भी न्योछावर कीजे।। ओढ़े नील पीत पट सारी,कुंज बिहारी गिरिवर धारी,तन मन भी न्योछावर कीजे।। फूलन सेज फूलन की माला,रत्न सिंहासन बैठे नंदलाला,तन … Read more

ओम जय जय जय गिरिराज आरती लिरिक्स | om jai jai jai giriraj aarti lyrics

ओम जय जय जय गिरिराज,स्वामी जय जय गिरिराज,संकट में तुम राखो,संकट में तुम राखो,निज भक्तन की लाज,ॐ जय जय जय गिरिराज।। इंद्रादिक सब सुर मिल,तुम्हरो ध्यान धरे,ऋषि मुनि जन यश गावे,ते भवसिंधु तरे,ॐ जय जय जय गिरिराज।। सुन्दर रूप तुम्हारो,श्याम शिला सोहे,वन उपवन लखि लखिके,भक्तन मन मोहे,ॐ जय जय जय गिरिराज।। मध्य मानसी गंगा,कलि के … Read more

आरती उतार लो सीता रघुवर जी की लिरिक्स | aarti utar lo sita raghuvar ji ki lyrics

आरती उतार लो, सीता रघुवर जी की, लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न के संग, पवन तनय जी की, आरती उतार लों, सीता रघुवर जी की।। राज सिंहासन पर बैठे है, साथ में सीता मैया, हनुमान सेवा में विराजे, संग है सारे भैया, देख छवि मन मोहित होता, लीलाधर जी की आरती उतार लों, सीता रघुवर जी की।। … Read more

जय डमरूधर नयन विशाला काल भैरव चालीसा लिरिक्स | bhairav chalisa lyrics in hindi

जय डमरूधर नयन विशाला, दोहा – श्री भैरव संकट हरन, मंगल करन कृपालु, करहु दया निज दास पे, निशि दिन दीनदयालु।। जय डमरूधर नयन विशाला, श्याम वर्ण वपु महा कराला।। जय त्रिशूलधर जय डमरूधर, काशी कोतवाला संकटहर।। जय गिरिजासुत परमकृपाला, संकटहरण हरहु भ्रमजाला।। जयति बटुक भैरव भयहारी, जयति काल भैरव बलधारी।। अष्टरूप तुम्हरे सब गायें, … Read more

शिव चालीसा हिंदी लिरिक्स | shiv chalisa lyrics in hindi

शिव चालीसा हिंदी लिरिक्स, – दोहा – जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान।। – चौपाई – जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला।। भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के।। अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए।। वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को … Read more

ॐ जय श्री जीण मईया जीण माता आरती लिरिक्स | om jai shree jeen maiya aarti lyrics

ॐ जय श्री जीण मईया, बोलो जय श्री जीण मईया, सच्चे मन से सुमिरे, सब दुःख दूर भया, ओम जय श्री जीण मईया।। ऊंचे पर्वत मंदिर, शोभा अति भारी, देखत रूप मनोहर, असुरन भयकारी, ओम जय श्री जीण मईया।। महा सिंगार सुहावन, ऊपर छत्र फिरे, सिंह की सवारी सोहे, कर में खड़ग धरे, ओम जय … Read more

श्री हनुमान चालीसा हिंदी लिरिक्स | hanuman chalisa lyrics in hindi

श्री हनुमान चालीसा हिंदी लिरिक्स,सम्पूर्ण सुन्दरकाण्ड यहाँ देखे ✏ दोहा – श्रीगुरु चरन सरोज रज,निज मनु मुकुरु सुधारि।बरनउँ रघुबर बिमल जसु,जो दायकु फल चारि।। बुद्धिहीन तनु जानिके,सुमिरौं पवन कुमार,बल बुद्धि विद्या देहु मोहि,हरहु कलेश विकार।। – चौपाई –जय हनुमान ज्ञान गुन सागर,जय कपीस तिहुँ लोक उजागर।।१।। राम दूत अतुलित बल धामा,अंजनि पुत्र पवनसुत नामा।।२।। महाबीर … Read more

यमुनाष्टक हिंदी लिरिक्स | yamunashtak lyrics in hindi

यमुनाष्टक हिंदी लिरिक्स,सम्पूर्ण यमुनाष्टक हिंदी लिरिक्स, नमामि यमुनामहं सकल सिद्धि हेतुं मुदा,मुरारि पद पंकज स्फ़ुरदमन्द रेणुत्कटाम।तटस्थ नव कानन प्रकटमोद पुष्पाम्बुना,सुरासुरसुपूजित स्मरपितुः श्रियं बिभ्रतीम।।१।। कलिन्द गिरि मस्तके पतदमन्दपूरोज्ज्वला,विलासगमनोल्लसत्प्रकटगण्ड्शैलोन्न्ता।सघोषगति दन्तुरा समधिरूढदोलोत्तमा,मुकुन्दरतिवर्द्धिनी जयति पद्मबन्धोः सुता।।२।। भुवं भुवनपावनी मधिगतामनेकस्वनैः,प्रियाभिरिव सेवितां शुकमयूरहंसादिभिः।तरंगभुजकंकण प्रकटमुक्तिकावालूका,नितन्बतटसुन्दरीं नमत कृष्ण्तुर्यप्रियाम।।३।। अनन्तगुण भूषिते शिवविरंचिदेवस्तुते,घनाघननिभे सदा ध्रुवपराशराभीष्टदे।विशुद्ध मथुरातटे सकलगोपगोपीवृते,कृपाजलधिसंश्रिते मम मनः सुखं भावय।।४।। यया चरणपद्मजा मुररिपोः प्रियं … Read more