जिन्दा रहने के लिए तेरी कसम भजन लिरिक्स | zinda rehne ke liye teri kasam bhajan lyrics

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जिन्दा रहने के लिए तेरी कसम,

साँस आती है साँस जाती है,
सिर्फ मुझको है इंतज़ार तेरा,
आंसुओं की घटाएं पी पी के,
अब तो कहता है यही प्यार मेरा।

जिन्दा रहने के लिए तेरी कसम,
एक मुलाक़ात ज़रूरी है सनम,
इक मुलाक़ात ज़रूरी है सनम
इक मुलाक़ात ज़रूरी है सनम।।

तेरी चाहतों ने ये क्या गम दिया,
तेरे इश्क़ ने यूं दीवाना किया,
ज़माने से मुझको बेगाना किया,
दीवाने तेरे प्यार में,
बड़ा ही बुरा हाल है,
खडी हूँ तेरी राह में,
न होश है न ख्याल है,
न होश है न ख्याल है,
इक मुलाक़ात ज़रूरी है सनम,
इक मुलाक़ात ज़रूरी है सनम,
ज़िंदा रहने के लिए तेरी कसम,
एक मुलाक़ात ज़रूरी है सनम।।

मेरे साथ में रो रहा आसमा,
मेरा श्याम खोया है जाने कहाँ,
उसे ढूंढती मैं यहाँ से वहाँ,
मिलन की मुझे आस है,
निकलती नहीं जान है
मैं कितनी मजबूर हूँ
ये कैसा इम्तहान है,
ये कैसा इम्तहान है,
इक मुलाक़ात ज़रूरी है सनम,
इक मुलाक़ात ज़रूरी है सनम,
ज़िंदा रहने के लिए तेरी कसम,
एक मुलाक़ात ज़रूरी है सनम।।

मेरी आँखों में जले,
तेरी चाहत के दिए,
कितनी बेचैन हूँ मैं,
श्याम से मिलने के लिए,
मेरे बिछड़े कान्हा,
तू जो इक बार मिले,
चैन आ जाए मुझे जो,
तेरा दीदार मिले,
मसीहा मेरे दुआ दे मुझे,
करूँ अब मैं क्या बता दे मुझे,
कोई रास्ता दिखा दे मुझे,
मेरे श्याम से मिला दे मुझे,
कहीं ना अब सुकून है,
कहीं ना अब करार है,
मिलेगा मेरा सांवरा,
मुझे तो ऐतबार है,
मुझे तो ऐतबार है,
इक मुलाक़ात ज़रूरी है सनम,
इक मुलाक़ात ज़रूरी है सनम,
ज़िंदा रहने के लिए तेरी कसम,
एक मुलाक़ात ज़रूरी है सनम।।

स्वर – साध्वी पूर्णिमा दीदी जी।}]

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