वैकुण्ठ के सुख छोड़कर प्रिय राधावर प्रिय राधावर लिरिक्स | vaikunth ke sukh chodkar lyrics

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वैकुण्ठ के सुख छोड़कर,
भक्तो के पीछे दौड़कर,
हो साथ फिरते दर-ब-दर,
प्रिय राधावर प्रिय राधावर,
प्रिय राधावर प्रिय राधावर।।
vaikunth ke sukh chodkar lyrics
तर्ज – किस राह में किस मोड़ पर।

तूने कहा था समर में ये,
नहीं शस्त्र लूंगा मैं यहाँ,
फिर भी उठाया चक्र तूने,
चकित हुआ सारा जहान,
पूरा किया प्रण भक्त का,
अपने वचन को तोड़कर,
प्रिय राधावर प्रिय राधावर,
प्रिय राधावर प्रिय राधावर।।

निर्धन सुदामा था बड़ा,
उपहार लेकर था खड़ा,
वैभव तुम्हारा देखकर,
संकोच में वो था पढ़ा,
भूखे से तुम खाने लगे,
तंदुल की गठरी खोलकर,
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प्रिय राधावर प्रिय राधावर,
प्रिय राधावर प्रिय राधावर।।

वैकुण्ठ के सुख छोड़कर,
भक्तो के पीछे दौड़कर,
हो साथ फिरते दर-ब-दर,
प्रिय राधावर प्रिय राधावर,
प्रिय राधावर प्रिय राधावर।।

Singer – Devi Chitralekha Ji}]

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