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तेरी रहमतो के साए,
जबसे करीब आए,
राहो में थे अँधेरे,
अब तारे जगमगाए,
तेरी रहमतों के साए।।
तर्ज – मुझे इश्क़ है तुझी से।
एहसान तेरे मुझ पर,
होने लगे है बाबा,
यादो में आपकी हम,
खोने लगे है बाबा,
जिन रास्तो पे चलना,
तूने रास्ते दिखाए,
राहो में थे अँधेरे,
अब तारे जगमगाए,
तेरी रहमतों के साए।।
कर्जा तेरे करम का,
बढ़ता ही जा रहा है,
रूठा हुआ मुकद्दर,
मेरे पास आ रहा है,
राहों से चुनके कांटे,
तूने फूल है खिलाये,
राहो में थे अँधेरे,
अब तारे जगमगाए,
तेरी रहमतों के साए।।
कैसे करूँ शुकर मैं,
ये बात भी बता दो,
कोई भूल हो अगर तो,
बाबा मुझे सजा हो,
‘चोखानी’ जानता है,
हारे को तू जिताए,
राहो में थे अँधेरे,
अब तारे जगमगाए,
तेरी रहमतों के साए।।
तेरी रहमतो के साए,
जबसे करीब आए,
राहो में थे अँधेरे,
अब तारे जगमगाए,
तेरी रहमतों के साए।।
स्वर – रामकुमार जी लक्खा।}]