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तेरे दर पे आने को जी चाहता है,
सबकुछ सुनाने को जी चाहता है।।
तर्ज – निगाहे मिलाने को जी चाहता है
सुनो सबके दुःख गम मिटाती है मैया,
सुनो सबके दुःख गम मिटाती है मैया,
गमे दिल सुनाने को जी चाहता है,
तेरे दर पे आने को जी चाहता है।।
तेरे दर से खाली ना जाये माँ सवाली,
तेरे दर से खाली ना जाये माँ सवाली,
झोली फैलाने को जी चाहता है,
तेरे दरपे आने को जी चाहता है।।
तेरे नाम का सिमरण करती है दुनिया,
तेरे नाम का सिमरण करती है दुनिया,
तेरा दरश पाने को जी चाहता है,
तेरे दरपे आने को जी चाहता है।।
सब भक्त तेरे दर के भिखारी,
सब भक्त तेरे दर के भिखारी,
तेरे भजन गाने को जी चाहता है,
तेरे दरपे आने को जी चाहता है।।