सुण सुण रे म्हारा खाटू वाला धणिया भजन लिरिक्स | sun sun re mhara khatu wala dhaniya lyrics

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सुण सुण रे म्हारा  खाटू वाला धणिया,
फागणिये में म्हाने बुलाई लीजे,
चरणा में थारे बिठाय लीजे।।

तर्ज – उड़ उड़ रे म्हारा काला।

रंग रंगीलो फागण आवे,
भक्ता रो मनड़ो ललचावे,
भक्ता री आस पुराई दीजे,
चरणा में थारे बिठाय लीजे।।

रींगस सु निशान उठास्या,
पगा उभाणा थारे आस्या,
भक्ता ने पार लगाई दीजे,
चरणा में थारे बिठाय लीजे।।

ढफली चंग मजीरा बाजे,
उछल उछल सेवक तेरा नाचे,
भक्ता ने नाच नचाई लीजे,
चरणा में थारे बिठाय लीजे।।

‘हर्ष’ केवे फागण में भारी,
माल लुटावे लखदातारि,
भक्ता री झोली भराई दीजे,
चरणा में थारे बिठाय लीजे।।

सुण सुण रे म्हारा खाटू वाला धणिया,
फागणिये में म्हाने बुलाई लीजे,
चरणा में थारे बिठाय लीजे।।

गायक – संदीप पारीक।}]

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