श्याम भज ले घड़ी दो घड़ी भजन लिरिक्स | shyam bhaj le ghadi do ghadi lyrics

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श्याम भज ले  घड़ी दो घड़ी,

उलझनों की ये सुलझे लड़ी,
श्याम भज ले घड़ी दो घड़ी।।

तर्ज – ज़िन्दगी की ना टूटे लड़ी।

श्याम सुमिरण का धन साथ देगा,
जबकि माया क्या कब रूठ जाए,
एक पल का भरोसा नहीं है,
सांस का तार कब टूट जाए,
ज़िन्दगी मौत के दर खड़ी,
श्याम भज ले घड़ी दो घडी,
उलझनों की ये सुलझे लड़ी,
श्याम भज ले घड़ी दो घड़ी।।

साफ़ दिखेगी सूरत प्रभु की,
मन के दर्पण का तुम मैल धो लो,
सबके दिल गंगाजल से लगेंगे,
अपने मन की कपट गाँठ खोलो,
छोड़कर सारी धोखाधड़ी,
श्याम भज ले घड़ी दो घडी,
उलझनों की ये सुलझे लड़ी,
श्याम भज ले घड़ी दो घड़ी।।

सौंप प्रभु पे सकल उलझने तू,
ग्रस्त चिंता में क्यों तेरा मन है,
सम्पदा सुख सुयश देने वाला,
सिर्फ एक ये हरी का भजन है,
श्याम का नाम दौलत बड़ी,
श्याम भज ले घड़ी दो घडी,
उलझनों की ये सुलझे लड़ी,
श्याम भज ले घड़ी दो घड़ी।।

उलझनों की ये सुलझे लड़ी,
श्याम भज ले घड़ी दो घड़ी।।

Singer : Sanju Sharma}]

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