शरणा आया जिनवाणी माँ जिनवाणी स्तुति लिरिक्स | sharana aaya jinvani maa stuti lyrics

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शरणा आया जिनवाणी माँ,
बस इतना सा उपकार करो,
मेरा अनादि मिथ्यात्व हरो,
भव-वारिधि से उद्धार करो,
शरणा आया जिनवाणी मां।।

षट द्रव्य, तत्व, गुण-पर्याएँ,
और लोकालोक बताया है,
इस देह से भिन्न में चेतन हूँ,
हमे भेद-ज्ञान सिखलाया है,
जड़ में बुद्धि अब जाए ना,
मिथ्या-मति का संहार करो,
शरणा आया जिनवाणी मां।।

तीर्थंकर की तुम दिव्य-ध्वनि,
आचार्यों का तुम मंथन हो,
एकान्त-मती निस्तारक हो,
स्वादवाद-मयी तुम चिंतन हो,
मुझे कर्म लुटेरे लूट रहे,
हे माँ इनका प्रतिकार करो
शरणा आया जिनवाणी मां।।

शरणा आया जिनवाणी माँ,
बस इतना सा उपकार करो,
मेरा अनादि मिथ्यात्व हरो,
भव-वारिधि से उद्धार करो,
शरणा आया जिनवाणी मां।।

– Lyrics / Composition/ Voice –
Dr. Rajeev Jain
8136086301

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