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श्याम धनी की दातारी की,
महिमा सबसे ग्रेट है,
सेठों का सेठ है,
सेठो का सेठ है।bd।
जग के आगे इधर उधर जो,
खुद को सेठ बताते है,
वो भी इस दरबार में आकर,
झोली को फैलाते है,
भक्तों की झोली भरने में,
करता कभी ना लेट है,
सेठो का सेठ हैं,
सेठो का सेठ हैं।bd।
इस कलयुग में केवल मेरे,
श्याम सिक्का चलता है,
फुटी किस्मत रूठी लकीरे,
पल में श्याम बदलता है,
हारे हुए लोगों की खातिर,
खुला प्रभु का गेट है,
सेठो का सेठ हैं,
सेठो का सेठ हैं।bd।
वैसे तो इस दुनिया में,
‘माधव’ है दरबार कई,
पर मेरे खाटू वाले सा,
कोई भी दातार नहीं,
होती है पल भर में सुनाई,
करवाता ना वेट है,
सेठो का सेठ हैं,
सेठो का सेठ हैं।bd।
श्याम धनी की दातारी की,
महिमा सबसे ग्रेट है,
सेठों का सेठ है,
सेठो का सेठ है।bd।
Singer – Shreya Koushik
Lyrics – Abhishek Sharma ‘Madhav’}]