सौंपी तुझे ही पतवार मुरारी,
दोहा – दरबार तेरा दरबारों में,
एक ख़ास अहमियत रखता है,
उसको वैसा मिल जाता है,
जो जैसी नियत रखता है।
सौंपी तुझे ही पतवार मुरारी,
करना मुझे भी भव पार मुरारी,
कर अर्जी को लीजो स्वीकार मुरारी,
सौपी तुझे ही पतवार मुरारी,
करना मुझे भी भव पार मुरारी।।
तर्ज – प्यारा सजा है तेरा द्वार।
गणिका गिद्ध अजामिल तारे,
गणिका गिद्ध अजामिल तारे,
कीजो मेरा भी अब उद्धार मुरारी,
सौपी तुझे ही पतवार मुरारी,
करना मुझे भी भव पार मुरारी।।
बिच भंवर अटकी पड़ी नैया,
बिच भंवर अटकी पड़ी नैया,
मांगे सहारा लाचार मुरारी,
सौपी तुझे ही पतवार मुरारी,
करना मुझे भी भव पार मुरारी।।
स्वामी शरण में अपनी रखियों,
स्वामी शरण में अपनी रखियों,
दीजो कभी ना बिसार मुरारी,
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सौपी तुझे ही पतवार मुरारी,
करना मुझे भी भव पार मुरारी।।
‘रामकुमार’ है तेरा पुजारी,
‘रामकुमार’ है तेरा पुजारी,
‘रघुवंशी’ का करदो बेड़ा पार मुरारी,
सौपी तुझे ही पतवार मुरारी,
करना मुझे भी भव पार मुरारी।।
सौपी तुझे ही पतवार मुरारी,
करना मुझे भी भव पार मुरारी,
कर अर्जी को लीजो स्वीकार मुरारी,
सौपी तुझे ही पतवार मुरारी,
करना मुझे भी भव पार मुरारी।।
Singer – Ram Kumar Lakkha}]