रूप सलोना देख श्याम का सुधबुध मेरी खोई भजन लिरिक्स | roop salona dekh shyam ka lyrics in hindi

Join us for Latest Bhajan Lyrics Join Now

रूप सलोना देख श्याम का,
सुधबुध मेरी खोई,
नी मैं कमली होई,
नी मैं कमली होई,
कमली श्याम दी कमली,
कमली श्याम दी कमली।।

सखी पनघट पर यमुना के तट पर,
लेकर पहुंची मटकी,
भूल गई सब एक बार जब,
छवि देखि नटखट की,
देखत ही मैं हुई बाँवरी,
उसी रूप में खोई,
नी मैं कमली होई,
नी मैं कमली होई।

रूप सलोना दैख श्याम का,
सुधबुध मेरी खोई,
नी मैं कमली होई,
नी मैं कमली होई।।

कदम के नीचे अखियाँ मीचे,
खड़ा था नन्द का लाला,
मुख पर हंसी हाथ में बंसी,
मोर मुकुट गल माला,
तान सुरीली मधुर नशीली,
तन मन दियो भिगोई,
नी मैं कमली होई,
नी मैं कमली होई।

रूप सलोना दैख श्याम का,
सुधबुध मेरी खोई,
नी मैं कमली होई,
नी मैं कमली होई।।

सास ननन्द मोहे पल-पल कोसे,
हर कोई देवे ताने,
बीत रही क्या मुझ बिरहन पर,
ये कोई नहीं जाने,
पूछे सब निर्दोष बावरी,
तट पर काहे गई,
नी मैं कमली होई,
नी मैं कमली होई।

रूप सलोना दैख श्याम का,
सुधबुध मेरी खोई,
नी मैं कमली होई,
नी मैं कमली होई।।

रूप सलोना देख श्याम का,
सुधबुध मेरी खोई,
नी मैं कमली होई,
नी मैं कमली होई,
कमली श्याम दी कमली,
कमली श्याम दी कमली।।

Singer : Jaya Kishori Ji

Leave a Comment