रंग रंगीले है,
रसिक रसीले है,
राधा रमण सरकार,
राधा राधा राधारमणा,
राधारमणा मेरे मनमोहना।bd।
तर्ज – घर से निकलते ही।
मोर को पंख धरे सर उपर,
बाँधी लट पटी पाग,
श्याम सलोनी सूरत देख के,
जाग उठे मेरे भाग,
कानन कुण्डल नक बेसर सोहे,
गल फूलन के हार,
रंग रंगीले हैं,
रसिक रसीले हैं,
राधा रमण सरकार,
राधा राधा राधारमणा,
राधारमणा मेरे मनमोहना।bd।
मधुर मधुर याकि मंद मुस्कनिया,
अधरन पान की लाली,
नटवर वेश कुंचित केश,
घुंघराली लट कारी,
चपल नयन याके ऐसे लागे है,
जैसे तिरछी कटार,
रंग रंगीले हैं,
रसिक रसीले हैं,
राधा रमण सरकार,
राधा राधा राधारमणा,
राधारमणा मेरे मनमोहना।bd।
राधारमण सारे जग पर तुमने,
ऐसा जादू डाला,
एक झलक जो देखे तेरी,
वो पागल कर डाला,
मनबसिया रंगरसिया तुम पर,
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‘चित्र विचित्र’ बलिहार,
रंग रंगीले हैं,
रसिक रसीले हैं,
राधा रमण सरकार,
राधा राधा राधारमणा,
राधारमणा मेरे मनमोहना।bd।
रंग रंगीले है,
रसिक रसीले है,
राधा रमण सरकार,
राधा राधा राधारमणा,
राधारमणा मेरे मनमोहना।bd।
स्वर – श्री चित्र विचित्र जी महाराज।}]