छुड़ाया हाथ हमने था,
प्रभु गलती हमारी है,
पकड़ लो हाथ कस करके,
यही विनती हमारी है,
छुड़ाया हाथ हमने था,
प्रभु गलती हमारी है।bd।
तर्ज – पकड़ लो हाथ बनवारी।
भूलाकर आपको रिश्ता,
प्रभु गैरो से जोड़ा है,
किया जो आपसे वादा,
उसी वादे को तोडा है,
भटकते फिरते दुनिया में,
बुरी हालत हमारी है,
छुड़ाया हाथ हमने था,
प्रभु गलती हमारी है।bd।
धरम को भूल हम बैठे,
करम अपना बिसारा है,
हमारे ही कुकर्मो ने,
हमारा घर उजाड़ा है,
नहीं ये दोष तेरा है,
यही नियति हमारी है,
छुड़ाया हाथ हमने था,
प्रभु गलती हमारी है।bd।
प्रभु हम जीव कलयुग के,
क्षमा कर दो क्षमा कर दो,
तुम करुणा के सागर,
दया कर दो दया कर दो,
शरण में लेना ना लेना,
प्रभु मर्ज़ी तुम्हारी है,
छुड़ाया हाथ हमने था,
प्रभु गलती हमारी है।bd।
भूला कर भूलों को मेरी,
प्रभु अपनी शरण ले लो,
अँधेरे में तेरा ‘रोमी’,
उजाले की किरण दे दो,
प्रभु हमने उमर अब तक,
अँधेरे में गुजारी है,
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छुड़ाया हाथ हमने था,
प्रभु गलती हमारी है।bd।
छुड़ाया हाथ हमने था,
प्रभु गलती हमारी है,
पकड़ लो हाथ कस करके,
यही विनती हमारी है,
छुड़ाया हाथ हमने था,
प्रभु गलती हमारी है।bd।
स्वर / रचना – सरदार रोमी जी।}]