नगरी हो उज्जैन जैसी क्षिप्रा का किनारा हो | nagri ho ujjain jaisi lyrics

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नगरी हो उज्जैन जैसी,
क्षिप्रा का किनारा हो,
और चरण हो महाकाल के,
जहां मेरा ठिकाना हो।।

तर्ज – नगरी हो अयोध्या सी।

ना दौलत हमें चाहिए,
ना स्वर्ग हमें जाना,
बस महाकाल चरणों में,
जीवन को बिताना है।।

ना फूल ही लाए है,
ना ही मंत्र कोई आता,
बस महाकाल चरणों में,
हम प्रार्थना लाए है।।

महाकाल हमारे है,
महादेव हमारे है,
सुख दो दुख दो चाहे,
हम तेरे सहारे है।।

नगरी हो उज्जैन जैसी,
क्षिप्रा का किनारा हो,
और चरण हो महाकाल के,
जहां मेरा ठिकाना हो।।

By – Sadho Band

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