ना कर इतना सितम मोहन हम इस जग के सताए है | na kar itna sitam mohan

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ना कर इतना सितम मोहन,
हम इस जग के सताए है,
हारे है खुद से ही बाबा,
तभी तेरे दर पे आये है।।

तर्ज – लगन तुमसे लगा बैठे।

तेरी रेहमत के किस्से सुन,
जगा विश्वास ये मन में,
बदल देगा तू किस्मत को,
यही उम्मीद लाये है।।

क्यों पत्थर बन के बैठे हो,
ज़रा नज़रें मिलाओ तो,
ना जाने कितने अश्क़ों को,
इन आँखों ने बहाएं है।।

सहने की ना बची हिम्मत,
वरना आगे भी सह लेते,
बेगाना क्यों समझ बैठे,
नहीं तेरे पराये है।।

कहे ‘रूबी रिधम’ तुमसे,
तोड़ो ना आस मनमोहन,
पसारे हाथ बैठे है,
चरणों में सर झुकाये है।।

ना कर इतना सितम मोहन,
हम इस जग के सताए है,
हारे है खुद से ही बाबा,
तभी तेरे दर पे आये है।।

Singer – Sharda Pushp}]

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