मुझको खाटू बुलाने लगा है | mujhko khatu bulane laga hai

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बाबा किरपा लुटाने लगा है,
मुझको खाटू बुलाने लगा है।bd।

तर्ज – मनिहारी का भेष बनाया।

जब तलक श्याम को,
जानता था नहीं,
मैं चमत्कार को,
मानता था नहीं,
वो भरोसा बढ़ाने लगा है,
वो भरोसा बढ़ाने लगा है,
मुझको खाटु बुलाने लगा हैं,
बाबा किरपा लुटाने लगा है,
मुझको खाटु बुलाने लगा हैं।bd।

ऐसे बाबा का मुझको,
ये दर मिल गया,
जैसे बंजारे को,
अपना घर मिल गया,
मेरी दुनिया सजाने लगा है,
मेरी दुनिया सजाने लगा है,
मुझको खाटु बुलाने लगा हैं,
बाबा किरपा लुटाने लगा है,
मुझको खाटु बुलाने लगा हैं।bd।

मेरी हर उलझनों का,
है हल कर दिया,
वार मुझ पे जो आए,
विफल कर दिया,
साथ मेरा निभाने लगा है,
साथ मेरा निभाने लगा है,
मुझको खाटु बुलाने लगा हैं,
बाबा किरपा लुटाने लगा है,
मुझको खाटु बुलाने लगा हैं।bd।

ये मेरी जिंदगी,
पहले गुमनाम थी,
तूने ही तो ‘सचिन’ को,
है पहचान दी,
नाम जग में बनाने लगा है,
नाम जग में बनाने लगा है,
मुझको खाटु बुलाने लगा हैं,
बाबा किरपा लुटाने लगा है,
मुझको खाटु बुलाने लगा हैं।bd।

बाबा किरपा लुटाने लगा है,
मुझको खाटू बुलाने लगा है।bd।

Singer – Gargi Sharma
Lyrics – Sachin Tulsiyan}]

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