मेरी नाव भवर में डोले,
डगमग खाए हिचकोले,
कहीं डूब ना जाए बाबा,
अब तो आके सुध लेले।।
लाचार हुई है बाहें,
पतवार सम्भल ना पाए,
बिन तेरे कौन दयालु,
मेरी कश्ती पार लगाए,
इक अनजानी चिंता में,
मन खोया होले होले,
कहीं डूब ना जाए बाबा,
अब तो आके सुध लेले।।
मेरी नाँव भवर में डोले,
डगमग खाए हिचकोले,
कहीं डूब ना जाए बाबा,
अब तो आके सुध लेले।।
मजबूर हुआ हूँ कितना,
जग को कैसे बतलाऊँ,
दिल चोर नहीं है मेरा,
कैसे विश्वास दिलाऊँ,
मेरी बंद पड़ी किस्मत के,
अब तू ही खोले ताले,
कहीं डूब ना जाए बाबा,
अब तो आके सुध लेले।।
मेरी नाँव भवर में डोले,
डगमग खाए हिचकोले,
कहीं डूब ना जाए बाबा,
अब तो आके सुध लेले।।
तेरी दातारि के किस्से,
दुनिया से सुने है दाता,
अब महर करे तो जानू,
हारे का तू साथ निभाता,
तेरा हर्ष अकेला कह दे,
दुखडो को कैसे झेले,
कहीं डूब ना जाए बाबा,
अब तो आके सुध लेले।।
मेरी नाँव भवर में डोले,
डगमग खाए हिचकोले,
कहीं डूब ना जाए बाबा,
अब तो आके सुध लेले।।}]