माँ की महिमा अपरंपार भगत के कष्ट मिटाती है | maa ki mahima aprampar bhagat ke kasht mitati hai

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माँ की महिमा अपरंपार,
भगत के कष्ट मिटाती है,
कष्ट मिटाती है,
माँ दुखड़े दूर भगाती है,
मां की महीमा अपरंपार,
भगत के कष्ट मिटाती है।bd।

तर्ज – शंकर रम रयो रे पहाड़ा में।

कटरा में वो वास है करती,
होके सिंह सवार,
बाणगंगा का अमृत पानी,
सबका करे उद्धार,
कठिन चढ़ाई तुम भी चढ़लो,
कठिन चढ़ाई तुम भी चढ़लो,
हो जाए बेड़ा पार,
मां की महीमा अपरंपार,
भगत के कष्ट मिटाती है।bd।

हमने सुना तू भेद ना करती,
रखती सबका मान,
देखे ना राजा रंक ना देखे,
सब है एक समान,
भाव से तुम भी माँ को मनालो,
भाव से तुम भी माँ को मनालो,
पूरी करती आस,
मां की महीमा अपरंपार,
भगत के कष्ट मिटाती है।bd।

ध्यानु ने पूजा श्रीधर पूजे,
पूजे तेरा नंदलाल,
देवी देवता मंगल गावे,
करे तेरी जयकार,
‘शंकर’ तेरे भजन है गाता,
‘शंकर’ तेरे भजन है गाता,
रख दो सिर पे हाथ,
मां की महीमा अपरंपार,
भगत के कष्ट मिटाती है।bd।

माँ की महिमा अपरंपार,
भगत के कष्ट मिटाती है,
कष्ट मिटाती है,
माँ दुखड़े दूर भगाती है,
मां की महीमा अपरंपार,
भगत के कष्ट मिटाती है।bd।

Singer – Shankar Yadav

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