लट उलझी सुलझा जा रे मोहन भजन लिरिक्स | lat uljhi suljha ja re mohan lyrics

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लट उलझी सुलझा जा रे मोहन,
मेरे हाथ मेहंदी लगी।।

तर्ज – लट उलझी सुलझा जा रे बालम

बालो का गजरा गिर गया मेरा,
बालो का गजरा गिर गया मेरा,
अपने हाथ पहना जा रे मोहन,
मेरे हाथ मेहंदी लगी।।

कानो का झुमका गिर गया मेरा,
कानो का झुमका गिर गया मेरा,
अपने हाथ पहना जा रे मोहन,
मेरे हाथ मेहंदी लगी।।

आँखों का काजल हट गया मेरा,
आँखों का काजल हट गया मेरा,
अपने हाथ लगा दे रे मोहन,
मेरे हाथ मेहंदी लगी।।

माथे की बिंदिया बिखर गई मेरी,
माथे की बिंदिया बिखर गई मेरी,
अपने हाथ सजा जा रे मोहन,
मेरे हाथ मेहंदी लगी।।

हाथों का कंगना गिर गया मेरा,
हाथों का कंगना गिर गया मेरा,
अपने हाथ पहना जा रे मोहन,
मेरे हाथ मेहंदी लगी।।

पाँव की पायल गिर गई मेरी,
पाँव की पायल गिर गई मेरी,
अपने हाथ पहना जा रे मोहन,
मेरे हाथ मेहंदी लगी।।

सर की चुनरिया उड़ गई मेरी,
सर की चुनरिया उड़ गई मेरी,
अपने हाथ ओढ़ा जा रे मोहन,
मेरे हाथ मेहंदी लगी।।

लट उलझी सुलझा जा रे मोहन,
मेरे हाथ मेहंदी लगी।।}]

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