किसी दिन तो आएंगे दिन मेरे ऐसे जैन प्रार्थना भजन लिरिक्स | kisi din to aayenge din mere aise jain bhajan lyrics

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किसी दिन तो आएंगे दिन मेरे ऐसे,
बढूंगा तेरे पथ, बनु तेरे जैसे,
यही प्रार्थना है मेरी तुमसे भगवन,
जो बोलो में मानु, न पुछु की कैसे।।

तुम्हे जब से देखा है, तबसे है माना,
नहीं रागियों की शरण में है जाना,
गगन में तो तारे चमकते अनेकों,
नहीं है प्रभा उनमें, दिनकर के जैसे।।

सभी प्राणियों के, हो तुम ही हितंकर,
हो मंगल के कर्ता, अशुभ के क्षयंकर,
मेरे कर्म बन्धन, प्रभु ऐसे काटो,
दिवाकर उदय से, हो तम नाश जैसे।।

अनेकों है जग में, जो धन और वर दें,
मग़र तुम हो विरले, जो निज सम ही करदे,
परम्-पद को पाने जपूं नाम ऐसे,
भटका सा बालक, रटे मात जैसे।।

तुम्ही ध्येय हो और, तुम्ही ध्यान मेरे,
में जब तक भी जन्मु, हो भगवान मेरे,
मेरे मन की बगिया को ऐसे खिला दो,
रवि-किरणों से खिलता है ‘राजीव’ जैसे।।

किसी दिन तो आएंगे दिन मेरे ऐसे,
बढूंगा तेरे पथ, बनु तेरे जैसे,
यही प्रार्थना है मेरी तुमसे भगवन,
जो बोलो में मानु, न पुछु की कैसे।।

Written & Composed by
Dr. Rajeev Jain
(8136086301)

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