खेले कुंज गलिन में श्याम होरी भजन लिरिक्स | khele kunj galin me shyam hoil bhajan lyrics

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खेले कुंज गलिन में श्याम,
होरी फाग मच्यो री भारी,
फाग मच्यो भारी,ओ कान्हा,
फाग मच्यो भारी,
खेलें कुंज गलिन में श्याम,
होरी फाग मच्यो री भारी।।

गोपियन संग में ग्वालन खेले,
खेल रहे नर नारी,
रंग अबीर उड़ावे कान्हा,
भरके पिचकारी,
खेलें कुंज गलिन में श्याम,
होरी फाग मच्यो री भारी।।

लुक छिप कान्हा रंग लगावे,
कहु नजर ना आये,
कदे छिपे गोपिन के घर कदे,
चढ़े कदम डारी,
खेलें कुंज गलिन में श्याम,
होरी फाग मच्यो री भारी।।

(छिप गया श्याम कौन नगरी में,
आओ री ढूंढो सखियों,
रे सारी नगरी में।)

सखियां लायी श्याम पकड़ के,
रंग डारयो बृजनारी,
‘तुलसी’ कर दिया लाल लाल जो,
सूरत थी कारी,
खेलें कुंज गलिन में श्याम,
होरी फाग मच्यो री भारी।।

खेले कुंज गलिन में श्याम,
होरी फाग मच्यो री भारी,
फाग मच्यो भारी,ओ कान्हा,
फाग मच्यो भारी,
खेले कुंज गलिन में श्याम,
होरी फाग मच्यो री भारी।।

Singer – Sunita Bagri

– लेखक एवं प्रेषक –
रोशनस्वामी”तुलसी”
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