खाटू के कण कण में,
बसेरा करता साँवरा,
जाने कैसा वैश बनाये,
हर गली में आया जाया ,
करता साँवरा,
साँवरा तुझमें साँवरा,
साँवरा मुझमें साँवरा,
साँवरा सबमें साँवरा।।
तर्ज – बागबां रब है बागबां।
रींगस से खाटू नगरी तक,
पैदल चलते लोग,
पिठ के बल कोई,
पैट के बल कोई,
लेट के चलते लोग,
कदम मिला भगतों के संग में,
चलता साँवरा,
जाने कैसा वैश बनाये,
हर गली में आया जाया ,
करता साँवरा,
साँवरा तुझमें साँवरा,
साँवरा मुझमें साँवरा,
साँवरा सबमें साँवरा।।
मेले में खाटू वाले के,
जगह जगह पर डेरे,
इस डेरे कभी उस डेरे,
कही पे रेन बसेरे,
आते जाते सब पर,
नज़रे रखता साँवरा,
जाने कैसा वैश बनाये,
हर गली में आया जाया ,
करता साँवरा,
साँवरा तुझमें साँवरा,
साँवरा मुझमें साँवरा,
साँवरा सबमें साँवरा।।
बाबा के मंदिर में देखो,
लम्बी लगे कतारे,
दूर दूर के भक्त अनेको,
उनके अजब नज़ारे,
कब किसको क्या क्या देना है,
परखता साँवरा,
जाने कैसा वैश बनाये,
हर गली में आया जाया ,
करता साँवरा,
साँवरा तुझमें साँवरा,
साँवरा मुझमें साँवरा,
साँवरा सबमें साँवरा।।
खाटू के कण कण में,
बसेरा करता साँवरा,
जाने कैसा वैश बनाये,
हर गली में आया जाया ,
करता साँवरा,
साँवरा तुझमें साँवरा,
साँवरा मुझमें साँवरा,
साँवरा सबमें साँवरा।।
Singer : Sanju Sharma}]