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कन्हैया कन्हैया तू रहता किधर है,
कहाँ गोप ग्वाले वो राधा किधर है,
कन्हैया कन्हैया तु रहता किधर है।।
तर्ज – तेरे इश्क़ का मुझपे।
वो चलना मचलना वो माखन चुराना,
तेरा खूब आँखों से जादू चलाना,
जो सबको नचाती थी वो बंसी किधर है,
कन्हैया कन्हैया तु रहता किधर है।।
कहाँ नन्द बाबा वो दाऊ कहाँ है,
मिला दे वो मैया यशोदा कहाँ है,
जहाँ रास खेले थे वो मधुबन किधर है,
कन्हैया कन्हैया तु रहता किधर है।।
सखा वो सुदामा वो अर्जुन कन्हैया,
चला आ तू सामने मैं ले लूँ बलैयां,
ना तड़पा रे ‘लहरी’ आजा आजा किधर है,
कन्हैया कन्हैया तु रहता किधर है।।
कन्हैया कन्हैया तू रहता किधर है,
कहाँ गोप ग्वाले वो राधा किधर है,
कन्हैया कन्हैया तु रहता किधर है।।
Singer – Vishwas Rai}]