जुलमण बंसी बाजी आधी रात भजन लिरिक्स | julman bansi baji aadhi raat lyrics

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जुलमण बंसी,
बाजी आधी रात,
नींदडली बैरन,
हो गयी जी म्हारा राज,
मन में घूमे,
मनड़े हाली बात,
नींदडली बैरन,
हो गयी जी म्हारा राज।।

जी तो मधुरी  बांसुरी,
ले गयी मेरो निकाल,
जू पंछी बिन पाँख को,
ऐसो मेरो हाल।
मनमोहन से,
यो ब्रज खा गयो मात,
नींदडली बैरन,
हो गयी जी म्हारा राज,
जुलमन बंसी,
बाजी आधी रात,
नींदडली बैरन,
हो गयी जी म्हारा राज।।

काटे से कटती नही,
तो सिली सिली रैन,
मैं ऐसी बोरी भई,
तो बिसरा दीन्यो चैन।
चारों कानी,
सावरियो दरसात,
नींदडली बैरन,
हो गयी जी म्हारा राज,
जुलमन बंसी,
बाजी आधी रात,
नींदडली बैरन,
हो गयी जी म्हारा राज।bd।

कुण कोई को पावणों,
तो कुण कोई को मीत,
प्रीत जताकर फास ले,
तो याहि जग की रीत।
मन तरुवर का,
पुलकित हो गया पात,
नींदडली बैरन,
हो गयी जी म्हारा राज,
जुलमन बंसी,
बाजी आधी रात,
नींदडली बैरन,
हो गयी जी म्हारा राज।bd।

ऐसी मीठी प्रीत को,
तो स्वाद अनूठो होय,
प्रेमीड़े की पिड़ को,
दर्द ना जाने कोय।
श्याम बहादुर,
शिव मन में हर्षात,
नींदडली बैरन,
हो गयी जी म्हारा राज,
जुलमन बंसी,
बाजी आधी रात,
नींदडली बैरन,
हो गयी जी म्हारा राज।।

जुलमण बंसी,
बाजी आधी रात,
नींदडली बैरन,
हो गयी जी म्हारा राज,
मन में घूमे,
मनड़े हाली बात,
नींदडली बैरन,
हो गयी जी म्हारा राज।।

गायक – संजू शर्मा जी।
प्रेषक – रवि अग्रवाल।
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