जगत के रंग क्या देखूं तेरा दीदार काफी है हिंदी भजन लिरिक्स | jagat ke rang kya dekhu bhajan lyrics

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जगत के रंग क्या देखूं,
तेरा दीदार काफी है,
क्यों भटकूँ गैरों के दर पे,
तेरा दरबार काफी है।।

नहीं चाहिए ये दुनियां के,
निराले रंग ढंग मुझको,
निराले रंग ढंग मुझको,
चली जाऊँ मैं वृंदावन,
चली जाऊँ मैं वृंदावन,
तेरा दरबार काफी है, 
जगत के रंग क्या देखू,
तेरा दीदार काफी है।।

जगत के साज बाजों से,
हुए हैं कान अब बहरे, 
हुए हैं कान अब बहरे, 
कहाँ जाके सुनूँ बंशी,
कहाँ जाके सुनूँ बंशी,
मधुर वो तान काफी है, 
जगत के रंग क्या देखू,
तेरा दीदार काफी है।।

जगत के रिश्तेदारों ने,
बिछाया जाल माया का,
बिछाया जाल माया का,
तेरे भक्तों से हो प्रीति,
तेरे भक्तों से हो प्रीति,
श्याम परिवार काफी है, 
जगत के रंग क्या देखू,
तेरा दीदार काफी है।।

जगत की झूटी रौनक से,
हैं आँखें भर गयी मेरी, 
हैं आँखें भर गयी मेरी, 
चले आओ मेरे मोहन,
चले आओ मेरे मोहन,
दरश की प्यास काफी है,
जगत के रंग क्या देखू,
तेरा दीदार काफी है।।

जगत के रंग क्या देखूं,
तेरा दीदार काफी है,
क्यों भटकूँ गैरों के दर पे,
तेरा दरबार काफी है।।}]

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