हंस वाहिनी जगत व्यापिनी वाणी माँ लिरिक्स | hans vahini jagat vyapini lyrics in hindi

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हंस वाहिनी जगत व्यापिनी वाणी माँ,
करुणामई कल्याण कर कल्याणी माँ।।

धधकती है ज्वाला माता,
धधकती है ज्वाल माता,
मोह की,,मोह की,,मोह की,
शांत कर दे शांतिदायनी वाणी माँ,
करुणामई कल्याण कर कल्याणी माँ।।

दे उजाला राम के प्रिय,
दे उजाला राम के प्रिय,
नाम का,,नाम का,,नाम का,
दूर तम कर तिमिर नाशिनी वाणी माँ,
करुणामई कल्याण कर कल्याणी माँ।।

प्रेम भरदे वाणी में माँ,
सोज भरदे वाणी में माँ,
शारदे,, शारदे,, शारदे,,
राम गुण गाती रहे मम वाणी माँ,
करुणामई कल्याण कर कल्याणी माँ।।

हंस वाहिनी जगत व्यापिनी वाणी माँ,
करुणामई कल्याण कर कल्याणी माँ।।

रचना – स्वर्गीय श्री जगन्नाथ पहाड़ी जी।
स्वर – घनश्याम मिढ़ा भिवानी हरियाणा।
9034121523

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