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घनश्याम तुझे ढूँढने,
जाए कहाँ कहाँ,
अपने विरह की आग,
अपने विरह की आग,
बुझाए कहाँ कहाँ,
घनश्याम तुम्हे ढूँढने,
जाए कहाँ कहाँ।।
तेरी नजर में जुल्फ में,
मुस्कान जो मधुर,
उलझा है सब में दिल तो,
उलझा है सब में दिल तो,
छुपाये कहाँ कहाँ,
घनश्याम तुम्हे ढूँढने,
जाए कहाँ कहाँ।।
चरणों की खाकसारी में,
खुद खाक बन गए,
अब खाक पे ये खाक,
अब खाक पे ये खाक,
रमाये कहाँ कहाँ
घनश्याम तुम्हे ढूँढने,
जाए कहाँ कहाँ।।
जिनकी तबियत देखकर,
खुद बन गए मरीज,
ऐसे मरीज मर्ज को,
ऐसे मरीज मर्ज को,
दिखाए कहाँ कहाँ,
घनश्याम तुम्हे ढूँढने,
जाए कहाँ कहाँ।।
दिन रात अश्रु बिंदु,
बरसते तो है मगर,
सब तन में लगी आग,
सब तन में लगी आग,
बुझाए कहाँ कहाँ,
घनश्याम तुम्हे ढूँढने,
जाए कहाँ कहाँ।।
घनश्याम तुझे ढूँढने,
जाए कहाँ कहाँ,
अपने विरह की आग,
अपने विरह की आग,
बुझाए कहाँ कहाँ,
घनश्याम तुम्हे ढूँढने,
जाए कहाँ कहाँ।।}]