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एहसान बड़ा है मुझ पर,
मेरे सरकार का,
चलता है उनसे खर्चा,
मेरे परिवार का,
अहसान बड़ा है मुझ पर।।
तर्ज – अफसाना लिख रही।
कोई नहीं था मेरा,
जब इस संसार में,
जब इस संसार में,
साथ मिला फिर मुझको,
बाबा के प्यार का,
चलता है उनसे खर्चा,
मेरे परिवार का,
अहसान बड़ा है मुझ पर।।
मिलती है बाबा दर पे,
दुनिया की दौलतें,
दुनिया की दौलतें,
मुझको चस्का है लेकिन,
बाबा दीदार का,
चलता है उनसे खर्चा,
मेरे परिवार का,
अहसान बड़ा है मुझ पर।।
आजा के तू भी आजा,
बाबा के द्वार पे,
बाबा के द्वार पे,
मशहूर बड़ा हर किस्सा,
बाबा दरबार का,
चलता है उनसे खर्चा,
मेरे परिवार का,
अहसान बड़ा है मुझ पर।।
एहसान बड़ा है मुझ पर,
मेरे सरकार का,
चलता है उनसे खर्चा,
मेरे परिवार का,
अहसान बड़ा है मुझ पर।।
Singer – Gayatri Mehra (Bhopal)}]