दीवाना बना दिया हमें,
मस्ताना बना दिया,
बनवारी तेरी यारी ने,
दीवाना बना दिया।।
देखे – तेरे चरणों में मेरा ठिकाना रहे।
भूल गई सुध बुध अपनी,
बे-सुध सी हो गई,
अपने ही घर में रहके,
अंजानी हो गई,
तुम्हे शमा बना के दिल अपना,
परवाना बना दिया,
दिवाना बना दिया हमें,
मस्ताना बना दिया,
बनवारी तेरी यारी ने,
दीवाना बना दिया।।
तेरी पायल का बन घुंघरू,
नाचूंगी संग में,
छोड़ रंग दुनिया के रंग गई,
तेरे ही रंग में,
तुम्हे बना के मथुरा और खुद को,
बरसाना बना दिया ,
दिवाना बना दिया हमें,
मस्ताना बना दिया,
बनवारी तेरी यारी ने,
दीवाना बना दिया।।
कुछ भी कहे ज़माना अब,
कोई परवाह नहीं,
धन दौलत और शोहरत की,
अब मुझको चाह नहीं,
क्या करूँ कांच के टुकड़ों का,
मैंने हीरा पा लिया,
दिवाना बना दिया हमें,
मस्ताना बना दिया,
बनवारी तेरी यारी ने,
दीवाना बना दिया।।
तुमको प्रेम पतंग बना,
बन जाऊँगी डोर मैं,
उड़ती फिरूं गगन में संग संग,
चारों ओर मैं,
कहे ‘किशन’ तेरी पद रेणु ने,
जग बंधन छुड़ा लिया,
दिवाना बना दिया हमें,
मस्ताना बना दिया,
बनवारी तेरी यारी ने,
दीवाना बना दिया।।
दीवाना बना दिया हमें,
मस्ताना बना दिया,
बनवारी तेरी यारी ने,
दीवाना बना दिया।।
स्वर – सुरभि चतुर्वेदी।}]