चिता भस्म से रोज इनका होता रूप श्रृंगार | chita bhasm se roj inka hota roop shringar

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चिता भस्म से रोज इनका,
होता रूप श्रृंगार,
होता रूप श्रृंगार ,
सभी देवों के महादेवा,
सभी देवों के महादेवा,
है उज्जैन के महाकाल,
महाकाल सरकार मेरे,
महाकाल सरकार।।

उन्हें चिन्ता नहीं है काल की,
जिस पर हो कृपा महाकाल की,
जिस पर हो कृपा महाकाल की,
महाकाल है बड़े दयालु,
महाकाल हे बड़े दयालु,
करें सबका बेड़ा पार,
महाकाल सरकार मेरे,
महाकाल सरकार।।

महाकाल को ही बस चाहूं,
महाकाल को दिल में बसाऊं
महाकाल को दिल में बसाऊं,
महाकाल है मेरी दुनिया,
महाकाल है मेरी दुनिया,
और वो ही मेरी सरकार,
महाकाल सरकार मेरे,
महाकाल सरकार।।

भोले का बड़ा दरबार है,
शिव जग के पालन हार,
शिव जग के पालन हार,
महादेव की किरपा से ही,
महादेव की किरपा से ही,
चलता है मेरा परिवार,
महाकाल सरकार मेरे,
महाकाल सरकार।।

चिता भस्म से रोज इनका,
होता रूप श्रृंगार,
होता रूप श्रृंगार ,
सभी देवों के महादेवा,
सभी देवों के महादेवा,
है उज्जैन के महाकाल,
महाकाल सरकार मेरे,
महाकाल सरकार।।

गायक – सनी अलबेला।
प्रेषक – मनमोहन साहू।
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