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छोड़ फिक्र दुनिया की,
चल उज्जैन चलते है,
महाकाल जहाँ भक्तो की,
किस्मते बदलते है।।
तर्ज – दिल का क्या करे।
दर पे तेरे जो भी आता,
मन की मुरादे पाता,
झोली सबकी भरता है,
जो खाली झोली लाता है,
छोड फिक्र दुनियां की,
चल उज्जैन चलते है।।
सिर्फ सारी दुनिया में,
तेरा दर ही वो ठिकाना है,
जिस जगह पर हम जैसे,
खोटे सिक्के चलते है,
छोड फिक्र दुनियां की,
चल उज्जैन चलते है।।
महाकाल के दीवानों का,
दुनिया में बोलबाला है,
खुशियां हम मानते है,
जलने वाले जलते है,
छोड फिक्र दुनियां की,
चल उज्जैन चलते है।।
छोड़ फिक्र दुनिया की,
चल उज्जैन चलते है,
महाकाल जहाँ भक्तो की,
किस्मते बदलते है।।
गायक – विंदु दीवाना।
9131644432