आई गए रघुनंदन सजवा दो द्वार द्वार | aai gaye raghunandan lyrics
आई गए रघुनंदन,सजवा दो द्वार द्वार,स्वर्ण कलश रखवा दो,बंधवा दो बंधनवार।। तर्ज – सावन का महीना। सजी नगरिया है सारी,नाचे गावे नर नारी,खुशियाँ मनाओ,गाओ री मंगलचार,स्वर्ण कलश रखवा दो,बंधवा दो बंधनवार।। कंचन कलश विचित्र संवारे,सब ही धरे सजे निज निज द्वारे,खुशियाँ मनाओ,गाओ री मंगलचार,स्वर्ण कलश रखवा दो,बंधवा दो बंधनवार।। आई गए रघुनंदन,सजवा दो द्वार द्वार,स्वर्ण … Read more