भए प्रगट कृपाला दीनदयाला कौशल्या हितकारी हिंदी लिरिक्स | bhaye pragat kripala deen dayala lyrics in hindi

bhaye pragat kripala deen dayala lyrics in hindi

भए प्रगट कृपाला दीनदयाला, कौशल्या हितकारी, हरषित महतारी मुनि मन हारी, अद्भुत रूप बिचारी।। ये भी देखें – अवध में राम आए है। लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा, निज आयुध भुजचारी, भूषन बनमाला नयन बिसाला, शोभा सिंधु खरारी।। कर दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी, केहि बिधि करूं अनंता, माया गुन ग्यानातीत अमाना, वेद पुरान भनंता।। करुणा … Read more

राम आएंगे मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जाएंगे लिरिक्स | ram aayenge meri jhopadi ke bhag aaj khul jayenge lyrics

ram aayenge meri jhopadi ke bhag aaj khul jayenge lyrics

मेरी झोपड़ी के भाग,आज खुल जाएंगे,राम आएंगे,राम आएँगे आएँगे,राम आएँगे,मेरी झोपड़ी के भाग,आज खुल जाएंगे,राम आएँगे।। राम आएँगे तो,अंगना सजाऊँगी,दीप जला के,दिवाली मैं मनाऊँगी,मेरे जन्मों के सारे,पाप मिट जाएंगे,राम आएँगे,मेरी झोपड़ी के भाग,आज खुल जाएंगे,राम आएँगे।। राम झूलेंगे तो,पालना झुलाऊँगी,मीठे मीठे उन्हें,भजन सुनाऊँगी,मेरी जिंदगी के,सारे दुःख मिट जाएँगे,राम आएँगे,मेरी झोपड़ी के भाग,आज खुल जाएंगे,राम आएँगे।। … Read more

श्री रामायण विसर्जन वंदना लिखित में | shri ramayan visarjan vandana

shri ramayan visarjan vandana

श्री रामायण विसर्जन वंदना, जय जय राजा राम की, जय लक्ष्मण बलवान। जय कपीस सुग्रीव की, जय अंगद हनुमान।। जय जय कागभुशुण्डि की, जय गिरी उमा महेश। जय ऋषि भारद्वाज की, जय तुलसी अवधेश।। बेनी सी पावन परम, देनी श्रीफल चारि। स्वर्ग नसेनी हरि कथा, नरक निवारि निहारि।। कहेउ दंडवत प्रभुहि सन, तुमहि कहउँ कर … Read more

रघुनन्दन आ गए राघव जी आ गए | raghunandan aa gaye raghav ji aa gaye

रघुनन्दन आ गए, दोहा – राम नाम लेने का आनंद,और भी बढ़ गया,सबके सर मेरे राम की भक्ति का,रंग चढ़ गयाबीत गया वनवास प्रभु का,और सबके मन हर्षा गए,सज धज कर मेरे रामलला,अपने मंदिर में आ गए।। नैनो के रस्ते सबके,मन में समा गए,रघुनंदन आ गए,राघव जी आ गए,सारी दुनिया पर मेरे,राघव ही छा गए,रघुनन्दन … Read more

जय श्री राम वही बोले जो असल मर्द का बच्चा हो | jay shri ram vahi bole jo asal mard ka baccha ho

जिसके दिल में राम बसे,और भक्त राम का सच्चा हो,जय श्री राम वही बोले,जो असल मर्द का बच्चा हो,जय जय श्री राम,बोलो बोलो जय जय श्री राम।। एक हाथ में माला,दूजे हाथ में ले हथियार चले,रक्त की जगह रगों में लावा,ले हिंदू की संतान पले,जुल्म सहे ना जुल्म करे,करे गऊ गरीब की रक्षा जो,जय श्री … Read more

मिथिला का कण कण खिला जमाई राजा राम मिला | mithila ka kan kan khila lyrics

मिथिला का कण कण खिला,जमाई राजा राम मिला।। जनक सुति संग रहियो ऐसे,कनक कली पर भंवरा जैसे,कनक कली पर भंवरा जैसे,राम चंदा चकोरी सिया,जमाई राजा राम मिला।। कनक अटारी जनक दुलारी,निरख रहे तोहे धनुधारी,निरख रहे तोहे धनुधारी,लेके पलकों में तुमको छिपा,जमाई राजा राम मिला।। पति पत्नी वृत धर्म निभाना,दोनों कुलों का मान बढ़ाना,दोनों कुलों का … Read more

ऐसा कहते है सब लोग की जादू भरी पद रज है तुम्हारी | aisa kahte hai sab log ki jadu bhari padraj hai tumhari

ऐसा कहते है सब लोग की,जादू भरी पद रज है तुम्हारी। दोहा – आज्ञा पायी निषाद ने,केवट लियो बुलाये,पर केवट ने राम को,दी यह मांग सुनाय,पहले चरण पखारूंगा,उनकी रज को झाड़ूंगा,पान करूँगा चरणामृत,नाव पे तब बैठारूंगा।। ऐसा कहते है सब लोग की,जादू भरी पद रज है तुम्हारी,इस पद रज का स्पर्श हुआ तो,मौन शिला बनी … Read more

राजीव नयन को स्वतः चयन को जयमाला पहनाओ | rajeev nayan ko swatah chayan ko jaimala pehnao

राजीव नयन को,स्वतः चयन को,जयमाला पहनाओ,जय माला पहनाओ,संमुख है रघुवर,दुर्लभ अवसर,यह अवसर ना गंवावो,जयमाला पहनाओ।। देखे – श्री रघुवर कोमल कमल नयन को। क्यों लज्जा मंडित चरणों से,बढ़ जाने का साहस ना जुटे,शिव धनुष राम ने उठा लिया,सखी पुष्प माल तुमसे ना उठे,सखी पुष्प माल तुमसे ना उठे,जय का प्रतिक जय माल डालकर,विजय राम पर … Read more

ऐसा सुंदर स्वभाव कहाँ पाया | aisa sundar swabhav kaha paya

ऐसा सुंदर स्वभाव कहाँ पाया,राघव जी तुम्हें,ऐसा किसने बनाया।। पर नारी पर दृष्टि ना डाली,ऐसी तुम्हरी प्रकृति निराली,तुम्हें वाल्मीकि,तुलसी ने गाया,राघव जी तुम्हें,ऐसा किसने बनाया।। अवगुण देख के क्रोध ना आता,भक्तों को देख के प्रेम ही समाता,धन्य कौशल्याजू,जिसने तुम्हें जाया,राघव जी तुम्हें,ऐसा किसने बनाया।। अपने किये का अभिमान ना तुमको,निजजन का सनमान है तुमको,तुम्हें रामभद्राचार्य,अति … Read more

हे राम अवध के राजा तुझे कौन सी दुविधा घेरे | hey ram awadh ke raja tujhe konsi duvidha ghere

हे राम अवध के राजा,तुझे कौन सी दुविधा घेरे,जन जन के भाग्य विधाता,क्या लिखा भाग्य में तेरे।। क्या पुछ रहे है तुझसे,इन महलों के सन्नाटे,वो कौन सा दुःख तू जिसको,सीता से भी ना बांटे,मर्यादाओं की बेड़ी,वचनों के भीषड़ ताले,पुरखों के सम्मुख तूने,स्वयंमेव स्वयं पर डाले।। रघुकुल के संचित यश का,अब तू ही उत्तरदाई,उस राह तुझे … Read more