ऊँची चढ़ाई लखबीर सिंह लख्खा जी भजन लिरिक्स | unchi chadhai lakhbir singh lakhkha bhajan lyrics
ऊँची चढ़ाई,तर्ज – लंबी जुदाई श्लोक है रेहमत तेरी माँ,पल पल बरसे,जाए नही खाली,कभी सवाली दर से। हुई है सदा ही मेरी मात सहाई,ऊंची चढ़ाई,आया जो चढ़के,द्वार मैया के ये ऊँची चढ़ाई,ऊंची चढ़ाई,तिरकुट पर्वत पर बसे महामाई,ऊंची चढ़ाई, ऊंची चढ़ाई।। सर्दी हो गर्मी चाहे, बारिश का मौसम,रुकते नही है, आगे बढ़ते कदम,जय जयकार पुरे रस्ते, देती सुनाई,द्वार … Read more