दर दर भटकता फिरा ठोकर बड़ी खाया हूँ भजन लिरिक्स | dar dar bhatakta fira thokar badi khaya hun lyrics
दर दर भटकता फिरा,ठोकर बड़ी खाया हूँ। दोहा – रूतबा ये मेरे सर को,तेरे दर से मिला है,हालाकी मेरा सर भी,तेरे दर से मिला है,औरों को जो मिला है माँ,वो मुकद्दर से मिला है,पर मुझे तो मेरा मुकद्दर भी,तेरे दर से मिला है। दर दर भटकता फिरा,ठोकर बड़ी खाया हूँ,दर्शन के लिए मैया,मैं तेरे द्वारे … Read more