बरस रयो आनंद निधिवन में प्रगटे श्री बांके बिहारी लाल लिरिक्स | baras rahyo aanand nidhivan me prakate shri banke bihari lal lyrics

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बरस रयो आनंद  निधिवन में,
प्रगटे श्री बांके बिहारी लाल,
बांके बिहारी लाल,
प्रगटे कुञ्ज बिहारी लाल,
बरस रह्यो आनंद निधिवन में,
प्रगटे श्री बांके बिहारी लाल।।

कुंजन माहि भयो परकाशा,
भक्तन की पूरी भई आशा,
प्रेम मुदित मन श्री हरिदासा,
प्रेम मुदित मन श्री हरिदासा,
कुञ्ज निकुंजन में,
बरस रह्यो आनंद निधिवन में,
प्रगटे श्री बांके बिहारी लाल।।

नौबत बाजे निधिवन द्वारे,
दर्शन हेतु रसिक पधारे,
श्री हरिदास के प्यारे की छवि,
श्री हरिदास के प्यारे की छवि,
भर लो नैनन में,
बरस रह्यो आनंद निधिवन में,
प्रगटे श्री बांके बिहारी लाल।।

श्री हरिदास के बांके बिहारी,
देख छवि वर्णन कर हारी,
‘चित्र विचित्र’ महासुख उपज्यो,
‘चित्र विचित्र’ महासुख उपज्यो,
पागल के मन में,
बरस रह्यो आनंद निधिवन में,
प्रगटे श्री बांके बिहारी लाल।।

बरस रयो आनंद निधिवन में,
प्रगटे श्री बांके बिहारी लाल,
बांके बिहारी लाल,
प्रगटे कुञ्ज बिहारी लाल,
बरस रह्यो आनंद निधिवन में,
प्रगटे श्री बांके बिहारी लाल।।

स्वर – श्री चित्र विचित्र जी महाराज।}]

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