Join us for Latest Bhajan Lyrics
Join Now
बजरंगी हमारी सुधि लेना,
भुलाय नहीं देना,
विनय तुमसे बार बार है।।
जब राघव निकट आप जाना,
वहां मेरी भी चर्चा चलाना,
मेरी अर्जी प्रभु को सुनाना,
विनय तुमसे बार बार है।।
मेरी अर्जी है मर्जी तुम्हारी,
मै दुखिया शरण तुम्हारी,
भव बंधन से मुझको छुड़ाना,
भुलाय नहीं देना,
विनय तुमसे बार बार है।।
मैं तो तेरे चरणों में लुक जाऊंगा,
दुःख रो रो के अपना सुनाऊंगा,
जैसे मानोगे वैसे मनाऊंगा,
विनय तुमसे बार बार है।।
मुझ में अवगुण अनेकों हज़ार है,
पर तुम्हारी भी महिमा अपार है,
जरा ताको वो बेड़ा पार है
विनय तुमसे बार बार है।।
बजरंगी हमारी सुधि लेना,
भुलाय नहीं देना,
विनय तुमसे बार बार है।।
स्वर – श्री मनोज मिश्रा जी।
(श्री रामचरित मानस पाठ व्यास)
कठवारा रायबरेली उत्तर-प्रदेश।
Mo.9651125111
प्रेषक – विवेक सिंह।