ऐसो चटक मटक सो ठाकुर तीनों लोकन में हूँ नाय लिरिक्स | aiso chatak matak so thakur lyrics in hindi

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ऐसो चटक मटक सो ठाकुर,
तीनों लोकन में हूँ नाय,
लोकन में हूँ नाय,
तीनों लोकन में हूँ नाय,
ऐसो चटक मटक को ठाकुर,
तीनों लोकन में हूँ नाय।।

तीन ठौर ते टेढ़ो दिखे,
नटखट की छलगत यह सीखे,
टेढ़े नैन चलावे तीखे,
सब देवन को देव,
दाऊ ये ब्रज में घेरे गाय,
ऐसो चटक मटक को ठाकुर,
तीनों लोकन में हूँ नाय।।

ब्रह्मा मोह कियो पछतायो,
दर्शन को शिव ब्रज में आयो,
मान इंद्र को दूर भगायो,
ऐसो वैभव वारो,
दाऊ ये ब्रज में गारी खाए,
ऐसो चटक मटक को ठाकुर,
तीनों लोकन में हूँ नाय।।

बड़े बड़े असूरन को मारयो,
नाग कालिया पकड़ पछाड़यो,
सात दिना तक गिरिवर धारयो,
ऐसो बलि तऊ ग्वालन पे,
खेलत में पीट जाय,
ऐसो चटक मटक को ठाकुर,
तीनों लोकन में हूँ नाय।।

ऐसो चटक मटक सो ठाकुर,
तीनों लोकन में हूँ नाय,
लोकन में हूँ नाय,
तीनों लोकन में हूँ नाय,
ऐसो चटक मटक को ठाकुर,
तीनों लोकन में हूँ नाय।।

स्वर – देवी हेमलता जी शास्त्री।
प्रेषक – शशिकांत पांडेय, दिल्ली।}]

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